नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपका आज की इस पोस्ट में आज हम आपको बताएँगे कैसे एक डरपोक चूहा अपनी संकल्प शक्ति से अपने आपको बदलने में कामयाब हुआ इसके बारे में जानेंगे साथ ही हमारे जीवन की हर समस्या से कैसे सामना करते हुए आगे बढ़ना चाहिए इस कहानी के माध्यम से सिखने को मिलेगा तो दोस्तों इसे आखिरी तक जरूर पढ़े ।

एक चूहा की Motivation कहानी
एक गांव के लगभग 2 किलोमीटर दूर बहुत ही विशालकाय बरगद का वृक्ष था उस बरगद के नीचे एक चूहा बिल बनाकर रहता था उसी बरगद के आसपास एक बिल्ली भी रहता था इस बिल्ली के दर से चूहा बिल के अंदर डरा सहमा रहता था ये चूहा कभी कभार ही अति जरुरी काम पड़ने पर ही आपने बिल से बाहर निकलता था
ये चूहा बिल्ली से इतना ज्यादा डरा हुआ था कि इन्हे अकेला घूमने की साहस भी नहीं होता था ये चूहा जब भी बाहर जाता अपने सहयोगी चूहा को जरूर लेकर जाता परन्तु एक दिन ऐसा आया कि उसकी मित्र चूहा नहीं होने कि वजह से एक अनजान चूहा को अपनी सारी मसला बताई इनकी सारी बातें सुनने के बाद अनजान चूहा उस डरपोक चूहा के साथ जाने के लिए तैयार हो गया ।
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जब अपरिचित चूहा उस डरपोक चूहा के साथ कुछ वक़्त बिताने के बाद उसे उसके बारे में महसूस होने लगा कि ये कुछ ज्यादा डरपोक है और ज्यादा ही डरा – डरा सा रहता है फिर उस चूहा ने कहा तुम इतना ज्यादा डर-डर के क्यों रहते हो क्या मैं तुम्हारा कुछ हेल्प कर सकता हूँ फिर डरपोक चूहा कहता है मुझे बिल्ली से बहुत डर लगता है ।
रूप बदलने की Motivational Story
उस अनजान चूहा फिर कहने लगता है मेरे पास एक ऐसा पावर है इस शक्ति का प्रयोग करके मैं तुम्हारा शरीर को अलग – अलग जानवरों का रूप दे सकता हूँ तुम जो चाहो वो मैं तुम्हें बना दूंगा यह बात सुनते ही चूहा बहुत ज्यादा खुश हो जाता है और सोचने लगता है कि ऐसा कौनसा रूप धारण करू जिससे मुझे डर ना लगे फिर याद आता है कि मुझे तो सबसे ज्यादा डर बिल्ली से है क्यों न मैं बिल्ली ही बन जाऊ इससे मैं बाहर स्वतंत्र रूप से घूम पाउँगा ।
फिर अपनी मन की बात उस अनजान चूहा को बता देता है और ये चूहा उसे बिल्ली बना देता है बिल्ली बनकर चूहा बहुत खुश हो जाता है अब उसे किसी भी प्रकार का डर नहीं था अपने मित्र चूहा के साथ स्वतंत्र रूप से घूमने लगा उसके मन का डर भी ख़त्म हो गया लेकिन कुछ दिन के बाद ऐसा समय आया कि फिर उसे डर लगने लगा अब इस डर का कारण यह है कि उसके पीछे कुत्ते पड़ गए ।
चूहा का कुत्ता बनना
फिर यह चूहा अपनी सारी दुखड़ा उस अनजान चूहा को बताने लगता है यह बात सुनकर अनजान चूहा को उस पर तरस आ गया फिर उसे कुत्ता बना दिया कुत्ता बनके चूहा फिर घूमने लगा जंगल में भी जाने लगा मगर एक दिन कुत्ता जब जंगल से लौट रहा था तभी एक भूखा शेर उसका पीछा करता हुआ आया जैसे ही शेर लपकने वाला था ।
अचानक कुत्ता पलट के देखता है तो पता चलता है उसके पीछे शेर पड़ा है जैसे – तैसे कुत्ता वहां से जान बचाकर भागने में कामयाब हो जाता है उसी जादूगर चूहा के पास जाता है और कैसे वह आज मरते मरते बच गया यह कहानी सुनाने लगता है फिर अनजान चूहा क्या करता उसे शेर बनाने को सोचा ।
कुत्ता से शेर बनना
और उस चूहा को शेर बना देता है अब तो वो जंगल का राजा शेर बन गया था किसी भी प्रकार का डर नहीं था इसके बाद वह जंगल में चला जाता है कुछ दिनों तक तो आराम से घूम फिर लेता है मौज करने लगता है सोचने लगता है अब मुझे किसी भी प्रकार का डर भय नहीं है लेकिन ये उसे पता नहीं कि शिकारी नाम का भी व्यक्ति है ।
कुछ दिन के बाद देखा की अब उसके पीछे तीर धनुष लिए शिकारी पड़े है इतना बड़ा शरीर को छुपा पाना उसके लिए बड़ी मुश्किल हो गया अब तो वह ज्यादा दुखी होने लगा फिर उसी अनजान चूहा के पास जाकर अपनी समस्या बताने लगता है ।
डर के बिना जीने का संकल्प
अनजान चूहा ने उस डरपोक चूहा से कहने लगता है मैं अपनी शक्ति से तुम्हे चाहे कुछ भी बनाऊ तुम्हारा डर कभी ख़त्म होगा ही नहीं क्योंकि ये डर तुम्हारा ह्रदय से जुड़ गया है इसलिए तुम्हारा दिल उस डरपोक चूहा की तरह ही रहेगा इसे बदल पाना मेरे लिए मुमकिन नहीं है इस डर को ख़त्म करने का उपाय सिर्फ तुम्हारे पास है खुद ही तुम्हें इस डर को मिटाना होगा ।
अब उस चूहा को इतनी सारी समस्याओं से गुजरने के बाद सब समझ में आ गया डर उसके अंदर भरा है ये चूहा अपने आपको बदलकर डर के वैगर जीने का संकल्प लिया और वह चूहा बन गया ।
डर की एक Success Motivational Story की सीख
दुनिया में बहुत से लोगों के साथ इसी तरह की मुसीबतें आती होगी जो भय और खौफ से जीते है एक परीक्षार्थी यानि की विद्यार्थी को परीक्षा से और एक जॉब करने वाले व्यक्ति को अपने अधिकारी से दर लगता है किसी भी माता – पिता को अपने लाल से दूर होने का डर और कुछ ऐसे भी है जिन्हें अपनी मौत से डर लगता है ।
दोस्तों हम सभी जानते है डर हर किसी को लगता है जो व्यक्ति अपने जीवन में सफल हो जाता है क्या उन्हें डर नहीं लगता है डर तो इन्हे भी जरूर लगता है परन्तु ये लोग अपने डर को स्वयं पर बिलकुल भी हावी होने नहीं देते वे सामना करते हुए अपने मंजिल की ओर आगे बढ़ते रहते है डर एक ऐसी खतरनाक बीमारी है जो हमें हमारी मंजिल तक पहुंचने से पहले ही हमें रोकती है ।
क्योंकि इसी डर की वजह से हम अपनी फैसला या तो अपने आपको ही बदल डालते है अपने जीवन में आने वाली सभी समस्याओं व डर को पीछे छोड़ते हुए अपनी मुकाम तक पहुंचना होगा ।